बहुत गलत बात है!!!
आज मैं भोर ४
बजे ही उठा ताकि आज के सारे लंबित कार्य निपटा सकूँ और उसके लिए मैं कल
रात ग्यारह बजे ही सो गया। असल में यह नित्यक्रम बन चुका था और इसी समय मैं आठ या
नौ बजे तक कुमारवाणी के लिए काम करता था।
इसे अभी भी थोड़े बदलाव की जरूरत है लेकिन
पिछले दो दिनों से कोई काम समयबद्ध नहीं हो रहा था जिसके कारण मैं आलेख प्रकाशित
नहीं कर पाया।
अब मुझे कुमारवाणी
पर विषयवार काम करना होगा लेकिन इस बार थोड़ी विलंब के कारण होगी। मैं जानता हूँ
कि यह बहुत गलत बात है और मैं उसे बदलने की कोशिश भी कर रहा हूँ लेकिन इस ठंडी ने
भी परेशान कर रखा है।
यह आज का पहला आलेख है और आप इसे मेरे माफीनामा के तौर पर स्वीकार सकते हैं।
लेकिन आपको कोई दुविधा न हो इसीलिए मैं बताना चाहता हूँ कि आज मेरे आलेख
प्रकाशित भी होंगे और आप उन्हें उतने ही चाव से पढ़ भी सकेंगे।
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