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हास्य के सफर में

हम सभी मनोरंजन के आदी हैं और इसके कई प्रकारों से अभिभूत रहे हैं। मनोरंजन के विभिन्न प्रकारों में हास्य एकमात्र विधा है जिसके लिए कोई विवाद नहीं होता और सभी लोग हास्य कार्यक्रम देखते भी हैं।
आज भले ही हम हास्य के विभिन्न रूप देखते हो लेकिन हास्य का नैसर्गिक रूप हमें सर्वाधिक रोमांचित करता है। हम उम्र के किसी भी पड़ाव पर हो लेकिन हास्य कार्यक्रमों को जरूर देखना चाहते हैं। हमारे भारतीय कार्यक्रम निर्माता भी हास्य कार्यक्रमों को लेकर उत्साहित रहते हैं और हमें हास्याधारित विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तुत करने से नहीं हिचकते हैं और इनमें से एक तारक मेहता का उल्टा चश्मा है जो सब टीवी पर सोमवार से शुक्रवार रात साढ़े आठ बजे प्रसारित होता है।
तारक मेहता का... एक लोकप्रिय होने के साथ विविधतापूर्ण कार्यक्रम भी है। आप अगर हास्य आधारित कार्यक्रम देखना पसंद करते हो, तो आपको यह कार्यक्रम बिल्कुल देखना चाहिए।
मैं खुद इस कार्यक्रम का प्रशंसक हूँ और सालों से इसे देखता आया हूँ और आज रात भी इसे देखा| मेरे इस आलेख का आशय यह भी है कि हम अपनी व्यस्त जिंदगी में काफी कुछ करने के बाद भी असंतुष्ट रह जाते हैं लेकिन हास्य नामक घूँट मिलने के पश्चात् हम संतृप्त हो जाते हैं| हमारी तृप्ति कम हो जाती है।
हास्यरूपी वातावरण हमें खुशहाल बना देता है। हम अधिक खुश रहते हैं और इस कार्यक्रम को देखते समय भी हमारा यही हाल रहता है। इसके २२००+ धारावाहिक प्रसारित हो चुके हैं और कई पंक्तिबद्ध हैं। इस कार्हयक्मरम को देखकर हम भी इसके विभिन्न रंगों में रंग जाते हैं। हम इसकी पटकथा व कहानी गढ़ने की क्षमता से अचंभित हो जाते हैं और प्रस्तुत करने की इसकी शैली तो शानदार है।
जैसाकि इस कार्यक्रम का नाम है, इसके प्रणेता तारक मेहता हैं और इनके उपन्यास तारक मेहता ने ऊँधा चश्मा पर आधारित है। इस उपन्यास व इसपर आधारित कार्यक्रम के मुख्य पात्र जेठालाल व परिवार है जो गोकुलधाम सोसाइटी में रहकर रोजमर्रा की परेशानियों से दो-चार होकर अपनी समस्या का समाधान करती है। इसके अन्य पात्र माधवी-भिड़े, अय्यर-बबीता, रोशन व रोशन, पोपटलाल, टपूसेना, अब्दुल, डाक्टर हाथी-कोमल आदि हैं। मैं यहाँ तारक मेहता को कैसे भूल सकता हूँ, उनका किरदार श्रीयुक्त शैलेष लोढ़ाजी निभाते हैं और ये जेठालाल के परम मित्र हैं और इनकी दैनिक जिंदगी को बयाँ करती है इनका कार्यक्रम तारक मेहता का...।
अगर आप भी खुश रहना चाहते हैं, तो आप हास्याधारित कार्यक्रम जरूर देखें और मेरा सुझाव है कि आप यह कार्यक्रम जरूर देखिए। इस दुनिया में खुश रहने के लिए कोई दवा उपलब्ध नहीं है लेकिन ये हास्यरूपी कार्यक्रम हमें उचित खुराक दिला देते हैं। आप एकबार हँसकर तो देखिए, आप जवाँ महसूस करेंगे।
तो... एकबार हँसिए, दुनिया में आपसे अधिक खुबसूरत इंसान कोई और न होगा। जब आप सुबह उठे, तो पहले खुद को आईने में देखकर जरूर मुस्काए। इससे आपका पूरा दिन सर्वश्रेष्ठ जाएगा।

विशेष: यहाँ व्यक्त विचार कुमारवाणी के हैं और इनका तारक मेहता का उल्टा चश्मा के साथ प्रत्यक्ष संबंध नहीं हैं। यह आलेख एक प्रशंसक के नाते लिखा गया है और इससे कोई आर्थिक लाभ नहीं है।

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