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मानक कुंजीपट भाग-1

अमानकीकृत कुंजीपट अभिविन्यास
अभी जो भी यह आलेख पढ़ रहे हैं, उनमें से बिरले ही होंगे जो "कुंजीपट" यानि कीबोर्ड नामक यंत्र से अपरिचित होंगे| हम सभी ने आजतक जितने कुंजीपट देखे हैं, उनपर प्रतीके मुद्रित होती है और हमारे देश में जितने भी कुंजीपट उपलब्ध हैं, वे सभी अंग्रेजीधारित हैं और मुझे खेद है कि उन सभी का अभिविन्यास अंग्रेजी-निर्देशित है|
आज विभिन्न वैश्विक तकनीकी कंपनियाँ भारत आ रही है और हमारी कई कंपनियाँ भी इसी राह पर इनको टक्कर दे रही है| जिन देशों से ये प्रमुख कंपनियाँ आ रही हैं, वहाँ पर संगणक, आईफोन, आईपैड, एंड्राएड मोबाइल आदि उपकरण सर्वसुलभ है| विकसित देशों में जहाँ इन उपकरणों की बिक्री में हजार की वृद्धि होती है, तो हमारे देश में यही आँकड़ा लाखों-करोड़ों में पहुँच जाता है और इसी कारण कई कंपनियाँ भारत आने को अग्रसर है लेकिन उन कंपनियों को उनके नए ग्राहक उनके परिचित भाषा में नहीं मिल रहे हैं और इस कारण उन्हें स्थानीकरण की जरूरत हो गई है और गूगल, माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियाँ तो इस मार्ग में आगे भी बढ़ आई है|
आज भाषा की जानकारी किसी भी व्यक्ति या कंपनी की आय में एक महत्वपूर्ण योगदान रखती है। आज उनके कई उत्पाद, मसलन गूगल की कई सेवाएँ, जैसे खोज, अनुडाक (जीमेल), ड्राइव, प्लेस्टोर इत्यादि हिंदी में उपलब्ध हैं| उसी तरह माइक्रोसॉफ्ट का संचालन प्रणाली भी हिंदी में उपलब्ध है| लिनक्स संप्रा, आईफोन, आईपैड आदि कई उपकरण हिंदी में उपलब्ध हैं और कई प्रतीक्षारत हैं लेकिन जबतक हम भारतीय अपनी भाषाओं में अपने शब्द टंकित नहीं कर पाएँगे, तबतक हम अपनी भाषाओं में पूर्ण स्वतंत्रता हासिल करने से वंचित रह जाएँगे| एक चीज यहाँ ध्यान रखना होगा कि उनमें समाहित हमारी भाषाओं के शब्द कुरुप व गलत हैं।
हमें अपनी भाषाओं में टंकन करना सीखना ही होगा लेकिन इसमें सबसे बड़ी बाधा कुंजीपट पर हमारी भाषा के अक्षर मुद्रित न होना है| हम आज जो कुंजीपट प्रयोग कर रहे हैं, वे सभी अंग्रेजी मुद्रित हैं और इस कारण हम सभी अंग्रेजी तो अच्छी तरह टंकित कर लेते हैं लेकिन अपनी भाषाएँ टंकित करने में अक्षम साबित होते हैं|
हमारे यहाँ गाँव-कस्बों तक में कंपूटर प्रशिक्षण के नाम पर हजारों संस्थान खुल गए हैं जो लोगों को शुद्धतः अंग्रेजी माध्यम में शिक्षित कर रहे हैं और यही वजह है कि जब हम अपनी भाषाओं में अंतर्जाल का प्रयोग कर रहे होते हैं, तो हमारी भाषा में शब्द उपलब्ध होने के बावजूद हमें अंग्रेजी के (गलत) लिप्यंतरित शब्द दिखाए जाते हैं|
मेरी भारत सरकार से विनती है कि वो इन कंपनियों को आदेश दे कि उनके उपकरणों के कुंजीपट में एक भारतीय भाषा जरूर मुद्रित होना चाहिए और इसके साथ ही भारत सरकार एक कंपनी का निर्माण करे या फिर अपनी कंपनियों से कहे कि वे अपने सभी भाषाओं के अभिविन्यासों की प्लास्टिक प्रतिरूप तैयार कर सर्वसुलभ कराए और इनके विभिन्न अभिविन्यासों को संगणक निर्माता कंपनियाँ मुफ्ततः उपलब्ध कराएँगी| ये प्रतिरूप इस प्रकार होंगे कि उन्हें कुंजीपट के सभी कुंजियों के ऊपर चढ़ाया जाएगा जिससे हमारी भाषाओं के शब्द दिखने लगेंगे और हम भी उतनी ही सहजता से हमारे भाषाओं के शब्द टंकित कर सकेंगे जिस तरह अंग्रेजी टंकन करते हैं।

(क्रमशः) 
यह आलेख दो भाग में तैयार की गई है और यह प्रथम भाग है। 

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