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मानक कुंजीपट भाग-2


अमानकीकृत कुंजीपट अभिविन्यास
इसके साथ ही हमें अपनी सभी भाषाओं के मानक अभिविन्यास भी स्थापित करने होंगे और यह उतना मुश्किल नहीं है, जितना कि इन कंपनियों को आदेश देना|

मेरे पास सभी संसाधन होते, तो मैं ही शायद अपने इस प्रकल्प पर अपनी कंपनी खोल लेता लेकिन छोड़िए जनाब, मैं यह मौका आपको देता हूँ लेकिन यह अभी नाकाफी है। अगर आप इस प्रकल्प में आगे बढ़ना चाहते हैं, तो जरूर बढ़े| इसके साथ ही अगर आपको मेरी कोई मदद चाहिए, तो मैं मदद करने को तैयार हूँ|
इससे फायदा यह होगा कि हमारे लोग अपनी भाषाओं में अंतर्जाल, संगणक प्रयोग करने में माहिर हो सकेंगे और हमारी भाषाओं में ज्ञान-विज्ञान लेखन में भी कई गुणा बढ़ोतरी होगी|
हमें अपनी भाषाओं के टंकन प्रशिक्षण पर भी ध्यान देना होगा। 
हमें समझना होगा कि हमारी भाषाओं की उन्नति में ही हमारी उन्नति है। हम परभाषा से कबतक उन्नति के नाव खेते रहेंगे।

यह आलेख दो भाग में तैयार की गई है और यह द्वितीय भाग है।  
अद्यतन: मैंने आज ही प्रधानमंत्री कार्यालय से संपर्क कर उन्हें इस मामले से अवगत कराया है। आशा है कि जल्द ही इनका प्रत्युत्तर मिल जाएगा। 

टिप्पणियाँ

यहाँ मानक हिंदी के संहितानुसार कुछ त्रुटियाँ हैं, जिन्हें सुधारने का काम प्रगति पर है। आपसे सकारात्मक सहयोग अपेक्षित है। अगर आप यहाँ किसी असुविधा से दो-चार होते हैं और उसकी सूचना हमें देना चाहते हैं, तो कृपया संपर्क प्रपत्र के जरिये अपनी व्यथा जाहिर कीजिये। हम यथाशीघ्र आपकी पृच्छा का उचित जवाब देने की चेष्टा करेंगे।

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