कुमारवाणी पर आपका स्वागत है।

ओम पुरी की अदायगी को सलाम


आज सुबह टीवी चालू करते ही एक बुरी खबर ने मेरा स्वागत किया और मैं हमेशा की तरह टीवी से बिफर गया। ये खबर कोई और नहीं, बल्कि ओम पुरीजी से जुड़ी थी। ओम पुरीजी किसी पहचान के मोहताज नहीं थे और उनके अभिनय तो सलामी के हकदार हैं, चाहे उनकी कोई भी फिल्म देख लो।
 
वह हमारे बॉलीवुड के वरिष्ठ अभिनेता थे और इन्होंने विदेशी फिल्मों में काम करके अपने अभिनय से शेष दुनिया को अपना कायल बनाया। मैं उनकी एक फिल्म का जिक्र करूँगा क्योंकि वही एक फिल्म है, जिसने मुझे पूरी तरह छूआ और उसमें उनका अभिनय तो कमाल का है तथा उनकी परेश रावलजी के साथ जोड़ी भी बेमिसाल थी। संवाद बंधे हुए किंतु अर्थपूर्ण थे और उसके साथ घटना की तथ्यपरक उत्सुकता हमें उस दौर में ले जाती है जहाँ हम खुद में बापू को ढूँढने की चेष्टा करते हैं और उस फिल्म का नाम रोड टू संगम है।
अगर आपने वह फिल्म नहीं देखा है तो जरूर देखिए और ओम पुरी के अभिनय को सलाम कीजिए।

टिप्पणियाँ

यहाँ मानक हिंदी के संहितानुसार कुछ त्रुटियाँ हैं, जिन्हें सुधारने का काम प्रगति पर है। आपसे सकारात्मक सहयोग अपेक्षित है। अगर आप यहाँ किसी असुविधा से दो-चार होते हैं और उसकी सूचना हमें देना चाहते हैं, तो कृपया संपर्क प्रपत्र के जरिये अपनी व्यथा जाहिर कीजिये। हम यथाशीघ्र आपकी पृच्छा का उचित जवाब देने की चेष्टा करेंगे।

लोकप्रिय आलेख

राजपूत इसलिए नहीं हारे थे

100 Most Effective SEO Strategies

कुछ गड़बड़ है

अतरंगी सफर का साथ

हिंदी या अंग्रेजी क्या चाहिए???

शब्दहीन

नामकरण- समीक्षा